क्रिप्टो करेंसी की शुरुआत बिटकॉइन से होती है। बिटकॉइन को बनाने का मुख्य उद्देश्य पुराने मॉनेटरी सिस्टम को बदलना था। पुराने मॉनेटरी सिस्टम का आशय बैंकिंग सिस्टम से है, जिसमें एक देश से दूसरे देश मे पैसे भेजने के लिए बहुत ज्यादा चार्ज लिया जाता है।
मतलब की किसी भी प्रकार की ट्रांसक्शन करने के लिए बीच में एक मध्यस्त की आवश्यकता पड़ती है, जो कार्य अधिकतर बैंक्स के द्वारा किया जाता है। उसी सिस्टम को खत्म करने के लिए बिटकॉइन का निर्माण किया गया था ताकि किसी भी फण्ड को डायरेक्ट दूसरे पर्सन तक भेजा जा सके।
अब ये कितना सफल साबित होगा यह तो समय आने पर ही पता चलेगा क्योंकि बहुत से देशों की सरकारें यह नहीं चाहती कि उनके पुराने बैंकिंग सिस्टम को खत्म किया जाए और देश को एक ऐसी क्रिप्टो करेंसी पर निर्भर कर दिया जाए जिसे रेगुलेट नहीं किया जा सकता।
मतलब की किसी भी प्रकार की ट्रांसक्शन करने के लिए बीच में एक मध्यस्त की आवश्यकता पड़ती है, जो कार्य अधिकतर बैंक्स के द्वारा किया जाता है। उसी सिस्टम को खत्म करने के लिए बिटकॉइन का निर्माण किया गया था ताकि किसी भी फण्ड को डायरेक्ट दूसरे पर्सन तक भेजा जा सके।
अब ये कितना सफल साबित होगा यह तो समय आने पर ही पता चलेगा क्योंकि बहुत से देशों की सरकारें यह नहीं चाहती कि उनके पुराने बैंकिंग सिस्टम को खत्म किया जाए और देश को एक ऐसी क्रिप्टो करेंसी पर निर्भर कर दिया जाए जिसे रेगुलेट नहीं किया जा सकता।
Currency evolution
अगर हम अपनी करेंसी के एवोल्यूशन को देखें तो हम पाएंगे कि सर्वप्रथम वस्तुओं का आदान प्रदान किया जाता था। उसके बाद सोने और चांदी जैसी धातु का इस्तेमाल किया जाने लगा और देखते ही देखते धातुओं को आधार बनाकर जारी की गईं पर्चियों से हम वस्तुओं को खरीदने बेचने लगे जिन्हें आज के समय में हम रुपए के रूप में देखते हैं।आज के समय में यह रुपया भी डिजिटल हो चुका है, क्योंकि हमारे देश में काफी लोगों के पास ऑनलाइन अकाउंट हैं जो कि अपने पैसे अकाउंट में रखते हैं और उसी के माध्यम से डिजिटल ट्रांसक्शन करते हैं।
लेकिन यह कहना थोड़ा मुश्किल है, कि इस कार्य के लिए कौनसी क्रिप्टो करेंसी का इस्तेमाल किया जाएगा। क्योंकि यह आर्टिकल लिखते समय मार्केट में पच्चीस हजार से ज्यादा क्रिप्टो करेंसी चल रही हैं।
Paymant के अलावा Crypto का इस्तेमाल।
क्रिप्टो करेंसी को अगर आप एक इन्वेस्टमेंट के तौर पर देखते हैं तो इसके भविष्य में सिर्फ पेमेंट के तौर पर इस्तेमाल होने के अलावा हमें यह भी देखना होगा कि इन्हें और किस किस कार्य में इस्तेमाल किया जा सकता है।जैसे कुछ क्रिप्टो करेंसी कुछ अन्य कार्य करने के लिए बनाई गई हैं। उदाहरण के लिए ईथेरियम से सिर्फ पेमेंट ही नहीं बल्कि उसकी ब्लॉकचेन पर Decentralise एप्लीकेशन भी बनाए जा सकते हैं। जिसकी फीस के तौर पर भी इथेरियम का इस्तेमाल किया जा रहा है ऐसी ही अन्य क्रिप्टो करेंसी हैं जो अलग-अलग कार्यों के लिए बनाई गई हैं।
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